सीएम योगी आदित्यनाथ जी ने UP में नया कानून (UP Population Law in UP) बनाया है जिसमे जनसँख्या वृद्धि पर रोक लगायी जाये। सीएम योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है की हर घर में सिर्फ दो बच्चे होने चाहिए अगर दो से अधिक बच्चे है तो उन्हें सब्सिडी और अन्य सरकारी सुविधाएं नहीं मिलेगी।
उन्होंने बताया की जिन लोगो को एक ही बच्चा है उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए लेकिन जिनके दो से अधिक बच्चे होंगे उन्हें कई सुविधाओं से वंचित किया जायेगा। अगर किसी को जुड़वाँ बच्चे हो या दिव्यांग या फिर ट्रांसजेंडर हो तो उसे Two Child Norms का उलंघन नहीं माना जायेगा। इन सब कारणों के कारण उन्हें तीसरे बच्चे की इजाजत होगी। अगर किसी की दो पत्निया है और दोनों पत्नियों को एक एक बच्चा होगा तो सरकारी सुविधाएं प्राप्त होगी अन्यथा नहीं होगी।
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UP Population Law in UP निभाने पर क्या लाभ मिलेगा
सरकारी कर्मचारी को मिलने वाले लाभ
- पूरी सर्विस के दौरान दो अतिरिक्त वेतन में वृद्धि मिलेगी
- नेशनल पेंशन स्कीम के तहत निभोक्ता का अंशदान 3% बढ़ाया जायेगा।
- पूरी सैलरी व भत्तों के साथ साथ 12 महीनो की मातृत्व छुट्टी और पितृत्व छुट्टी मिलेगी।
आम नागरिको को मिलने वाला लाभ
- सरकारी नौकरी में नहीं है तो हाऊसिंग, होम लोन पर छूट मिलेगी।
- फॉलो करने वालो को हाऊसिंग स्कीम में भी छूट मिलेगी।
माता पिता का एक ही बच्चा होने के फायदे
- बच्चे के 20 साल होने तक फ्री इन्शुरन्स और मेडिकल सुविधाएं मिलेगी
- सरकारी नौकरी में सिंगल चाइल्ड को पहला हक़ दिया जायेगा।
- स्नातक तक शिक्षा फ्री और लड़कियों को कॉलेज में पढ़ने के लिए छात्रवृति दी जाएगी।
- सभी प्रमुख शिक्षा संस्थानों में आसानी से बच्चे का प्रवेश करा सकते है।
- सरकारी कर्मचारी एक ही बच्चा पैदा करता है तो उसका वेतन चार प्रतिशत बढ़ाया जाएगा
- बीपीएल परिवारों को इकलौते लड़के के बाद नसबंदी कराने पर ₹100000 दिए जाएंगे
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दो बच्चों का कानून यूपी में क्यों बनाया?
साल 2019 में बीजेपी सरकार ने ही यह कानून बनाया था की जिनको दो से ज्यादा बच्चे होंगे वह 1 जनवरी 2021 के बाद सरकारी नौकरी नहीं पा सकेंगे। सी एम योगी आदित्यनाथ ने बढ़ती जनसँख्या को देखते हुए है यह कानून बनाया है। हमारे भारत में जनसँख्या डैशबोर्ड 2023 के अनुसार 142.86 करोड़ जनसँख्या है, इतनी बढ़ती हुई आबादी आने वाले समय में चीन जैसे देश को भी पीछे छोड़ देगी इसलिए दो बच्चो का कानून बनाना जरुरी है।
भारत में पहले कौन-से स्थान है जहाँ दो बच्चो का कानून है
मध्यप्रदेश में साल 2001 से दो बच्चो का कानून लागू है। मध्यप्रदेश सिविल सर्विस नियमो के मुताबिक अगर 26 जनवरी 2001 के बाद किसी के तीसरे बच्चे का जन्म हुआ तो उसे सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।
राजस्थान में भी पंचायती राज एक्ट 1994 के हिसाब से दो से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी नौकरी में नहीं जा सकते और ना ही चुनाव लड़ सकते है।
आंध्रप्रदेश, तेलंगाना के पंचायती राज कानून के हिसाब से 30 मई 1994 से दो से ज्यादा बच्चे हुए तो चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
यूपी से सटे उत्तराखंड में दो से ज्यादा बच्चे होने पर जिला पंचायत और ब्लॉक डेवलपमेंट कमेटी का सदस्य नहीं बन पायेगा।
गुजरात में भी 2005 में दो से ज्यादा बच्चे होने पर पंचायतो, नगरपालिका व नगर निगम लड़ने से रोका गया।
महाराष्ट्र में भी 2 से अधिक बच्चे होने पर सरकारी सुविधाएं या सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।